सोमवार, 16 मई 2016

ऐ समन्दर मैं तुझसे वाकिफ हूं मगर इतना बताता हूं, वो आंखें तुझसे ज्यादा गहरी हैं जिनका मैं आशिक हूं..!!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें