आज असमान के तारों ने मुझे पूछ लिया; क्या तुम्हें अब भी इंतज़ार है उसके लौट आने का! मैंने मुस्कुराकर कहा; तुम लौट आने की बात करते हो; मुझे तो अब भी यकीन नहीं उसके जाने का!
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